Saturday, December 6, 2008

लड़ रहे है हम कहाँ पर सुनो आवाज़ ....अपनी ....


"ज़िन्दगी एक सफ़र है तो हम हैं ,एक राही जो बदलेगा.......अपना रास्ता

हमें उन लोगो के बारे मैं भी सोचना है जो रास्ते मैं तो हैं पर ज़िन्दगी को बहुत सादगी से

जी रहे हैं ".........................

मुझे आप लोग से बस इतना पूछना है की आप लोग कहाँ रहना पसंद करोगे.................

हम कहाँ जा रहें हैं ये हमें पता है क्या .....................तो मैं बताता हूँ //////////


" हम उस दौड़ मैं दौड़ रहें हैं जहाँ सिर्फ़ हम हैं और कोई नही ॥

हारने की आदत तो नही थी पर अब जीतने के लिए तरश रहें है, हम॥

खो चुके हैं हम अपने आप को और अब पाने की कोशिश कर रहें हैं हम.........

कहाँ है हम और आप उस घड़ी को याद करो जो हमें समय बताती थी.....

अब हम उसे समय बतातें हैं की दिन मैं रात हैं ,और रात मैं दिन ........

अब तो समझ गए हो की मैं क्या कहना चाह रहा हूँ "................

मुझे अपनी राय जरूर बताना ................. अब आप के जवाब के बाद मिलूँगा ...........