Monday, October 27, 2008

त्योहारों की मस्ती मैं डूबा शहर.........





"त्योहारों का माहौल तो बड़ा जबरदस्त चल रहा है ,और साथ-साथ सबकी छुटियाँ और खुशियाँ साथ चल रही है, पर हम रेडियो की दुनिया सबसे निराली हैऔर आपके लिये तो खुशियाँ के साथ झूमने वाले गाने भी सुनाते है ,आप को रखते है आगे' हवे के साथ देतें हैं हर तरह कि न्यूज़ जिसमें ना तो आपका पैसा लगता है ,ना ही बिजली बस दो सैल लिया और कहीं भी चला लियाऔर पा ली मन कि तंदुरस्ती ,ये सब देते हैं आपके आर .जे .बोले तो" रेडियो मैं बोले लगातार बार -बार" जो अपनी खुशियों को किनारे रखते हुए,आपके लिए हर समय मनोरंजन के खजाने ढूंढ़ते रहते हैं ,कभी हमारे दुनिया मैं आ के देखो तो हम आपसे सिर्फ प्यार मांगते रहते हैं. और हर गम को पीते हुए ,जोकर की तरह हंसते रहते है.क्योंकि "राजकपूर"ने कहा था जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ ,ये सब रेडियो मैं काम कर रहें हैं हर एक लोगौं के लिए है जो १८ घंटे तक काम करते हुए आपका मनोरंजन करता है और ६ घंटे सोते हुए ,भी २४ घंटे गाने सुनाते हैं फिर भी लोग कहते है की इनकी दुनिया एकदम फ्री है यानी की आराम है .यहाँ पर हर पल, हर समय के साथ सेकेण्ड तक मैं वयस्त हैं "" इनमें दो लाइन ये कहती है ---






"समय तो हमारे साथ है ,हर सेकंड की आस है ,फिर भी लोगों से प्यार पाने की प्यास है"


" क्यूं की हमारी प्यास आप लोग ही बुझाते हो -------



"चलो आज का समय समाप्त हुआ ,बाकि आने वाले समय मैं बताऊंगा .......... .



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